युवाओं में ट्रोमाडोल की लत और पुलिस की बढ़ती मुसीबत

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राजस्थान पुलिस की बढ़ी मुसीबत युवाओं में बढ़ा ट्रोमाडोल का इस्तेमाल

आज दिनांक 25 अक्टूबर 2020 को राजस्थान में राजधानी से पुलिस अधीक्षक श्री शंकर दत्त शर्मा ने आम लोगो से अपील की है कि ट्रोमाडोल जैसी अवैध दवाइयों की खरीद फरोख्त और गतिविधियों की सूचना पुलिस को देवे ताकि और अधिक प्रभावी कार्यवाही को अंजाम दिया जा सके एंव नशे से जुड़े अपराधो पर अंकुश लगाया जा सके।

पुलिस की लगातार प्रभावी कार्यवाही से आमजनता में पुलिस के प्रति विश्वास मे बढोतरी हुई है। आमजन में विश्वास व अपराधियो में डर के आदर्श वाक्य को जयपुर ग्रामीण पुलिस ने चरितार्थ किया है व आमजन में पुलिस की छवि में सुधार हुआ है । लोग अब पुलिस को निडर होकर सूचनाएं प्रदान कर रहे है ।

ट्रामाडोल कि लत (Tramadol Addiction ) के लक्षण सामान्यतय खून सी लाल आंखें , भूख या नींद पैटर्न में परिवर्तन अस्थिर समन्वय गडबड भाषण मिर्गी के इतिहास के बिना दौरे अचानक वजन घटाने या वजन बढ़ाना , अस्पष्ट चोटें या दुर्घटनाएं आदि है।

इन भौतिक संकेतों के बावजूद, नशे की लत व्यक्ति के व्यवहार में बदलावों से भी पहचाना जाता है जैसे अंतर्मुखी , मिजाज़ समाज से दूरी बनाना प्रेरणा में अचानक कमी , व्यक्तित्व या दृष्टिकोण में अस्पष्ट परिवर्तन आदि है।

पुलिस ने युवाओं को नसीहत देते हुए कहा है कि डॉक्टर की अनुमति के बिना ट्रोमाडोल की खुराक नही ले। साथ ही राजस्थान पुलिस ऐसे अधिकारियों को उचित सम्मान भी दे रही है जो ऐसे मामलों में कार्यवाही कर समाज को इस दुष्प्रवृत्तियों से छुटकारा दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। वही ऐसे दवाइयों का धंधा करने वालो का लाइसेंस निरस्त कर इन पर अंकुश लगाने का भरसक प्रयास भी कर रही है।

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