आज एक नवयुवक की कोर्ट में पेशी के दौरान उसका चेहरा ढकना मुम्बई पुलिस को चर्चा के साथ ही आलोचना के केंद्र में ले आया। उसे रस्सियों के सहारे बांध कर एक वेन से निकाल कर कोर्ट में ले जाते देखा गया।
समाचार न्यूज़ एजेंसी ANI ने वक वीडियो रिलीज कर बताया कि समित के भाई ने पुलिस की इस कार्यशैली को मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। केवल उद्धव ठाकरे को औरंगजेब और आदित्य ठाकरे को बेबी पेंग्विन कहने वाले समीत ठक्कर की आज कोर्ट में पेशी हुई।
ऐसा बर्ताव कुख्यात आतंकवादियों के साथ अथवा घृणित अपराध करने वालो के साथ किया जाता है, मगर सरकार पर सवाल उठाने वालों के साथ ऐसा बर्ताव महाराष्ट्र सरकार को भी उतने की फासीवादी दिखा रहा है जिसकी आलोचना मोदी सरकार के लिए भी की जाती है।
दरअसल भारत मे अभिव्यक्ति की आज़ादी (फ्रीडम ऑफ स्पीच) के नाम पर कुछ भी बयान देकर सुर्खियों में रहने वाले वामपंथी जब उनके कथित अपराधों के चलते जेल की हवा खाते हैं, तो यह कहा जाता है कि उन्होंने सरकार पर सवाल पूछे जाने पर जेल में डाला जा रहा है और संविधान की दुहाई दी जाती है। वही जब विपक्ष की राज्य सरकारों में आलोचना के आधार पर गिरफ्तारी की जाती है तब ऐसे तथाकथित लोगो की चुप्पी बड़ी आम बात बन जाती है।
आलोचनाओं के ढेर पर महाराष्ट्र की सत्ता पर बैठी शिवसेना की आलोचना करना समित ठक्कर जो कि एक ट्वीटर यूजर हैं, को काफी भारी पड़ गया जब 25 अक्टूबर 2020 के दिन महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। समित ठक्कर के भाई ने आज अपना विरोध जताते हुए पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए कि ऐसा व्यवहार करने अपराध उनके भाई ने नहीं किया है।
दरअसल आदित्य ठाकरे जो कि शिवसेना की सरकार से मुख्यमंत्री के बेटे हैं जिनको मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा था मगर भाजपा द्वारा उनकी यह मांग ठुकराने पर शिवसेना ने अपना हिंदुत्ववादी छवि के विपरीत कांग्रेस और एनसीपी के साथ महा अघाड़ी संघठन बना कर सत्ता हासिल कर ली।
साथ ही आदित्य ठाकरे की काबिलियत पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं जिसमे कंगना राणावत के साथ ही कई ट्वीटर यूजर उन पर लगातार सवाल दागते रहते हैं। आज तक की अंजना ओम कश्यप भी उनको शिवसेना का राहुल गांधी तक कह चुकी हैं।
वही समित ठक्कर काफी समय से आजतक चेनल्स पर एक कमेंट के कारण लगातार सुर्खियों में बने रहे। उन्होंने एक बयान देकर सभी को चोंका दिया था।
समित ने कहा भाजपा ने अपने प्रतिनिधियों को इंडिया टुडे और आजतक ग्रुप पर भेजना बंद कर दिया तब ग्रुप के मालिक अरुण पूरी ने भाजपा को नवीन कुमार को वापस लाने को लेकर धमकी दी थी। उसी अरुण पूरी ने अपनी गलती मानते हुए अपने चेनल्स के कुछ कर्मचारियों द्वारा भाजपा के खिलाफ द्वैषपूर्ण रिपोर्टिंग की बात कबूल कर एक रिपोर्टर को निष्काषित करने की बात कही।