मिर्ज़ापुर 2 के निर्माता और निर्देशक अपनी वेब सीरीज के एक खास हिस्से को हटाने के लिए मान गए हैं और इसी के साथ यह विवाद खत्म हो चुका है। दरअसल सुरेन्द्र मोहन पाठक का उपन्यास धब्बा को मिर्ज़ापुर 2 के एक एपिसोड के सीन में कुलभूषण खरबंदा द्वारा पढ़ते हुए दिखाया गया था।
इस सीन में यूज किये गए डायलॉग और भाषा अश्लीलता परोसते नजर आ रहे थे। जबकि इस उपन्यास का प्रयोग करने के अधिकार एक्सेल एंटरटेनमेंट कंपनी के पास थे भी नही और उस से भी बड़ी बात यह रही कि सालों से सुरेन्द्र मोहन पाठक की छवि एक जासूसी लेखक की थी वो ऐसी भाषा का प्रयोग अपने उपन्यास में करते भी नहीं थे।
इस वेब सीरीज के रिलीज होने के साथ ही जब धब्बा उपन्यास वाला सीन लोगो ने देखा और विपरीत प्रतिक्रिया आने से सुरेन्द्र मोहन पाठक व्यथित हो उठे और उन्होंने लीगल नोटिस भेज दिया जिसके संज्ञान लेते हुए एक्सेल एंटरटेनमेंट ग्रुप ने अपना माफ़ी नामा अपने आधिकारिक लेटर हेड पर लिख कर क्षमा मांगते हुए इस दृश्य से नावेल को धुंधला करने या सही ऑडियो रिलीज करने का भरोसा जताते हुए 3 हफ़्तों का समय मांगा।
एक लेखक के लिए सम्मान बहुत बड़ी बात है और जितने सम्मान के हक़दार सुरेन्द्र मोहन जी रहे हैं फिल्मी जगत द्वारा उतना दिया नही गया है। उनका मानहानि का दावा एक्सेल एंटरटेनमेंट ग्रुप और फरहान अख्तर जो कि मशहूर जावेद अख्तर के बेटे हैं और रितेश सिधवानी जो कि फरहान अख्तर के मित्र है को भेजा गया था।