कल दिनाक 28.09.2020 को एक बाबा साधु वेश में घुमता हुआ थाना आया जिसे श्री श्रवणराम हैडकानि ने नाम पता पुछा तो रेवाड़ी का रहने वाला बताया। परन्तु श्री श्रवणराम हैडकानि ने अपनी बुद्धिधातुर्ंता से बाबा की भाषा को पहचाना जो रेवाडी साईड की नहीं लग रही थी जिस पर हमदर्दी जताकर व विश्वास में लेकर नाम पता पुछा तो बाबा फुट फुट कर रोने लगा.
बाबा ने अपना नाम भुराराम पुत्र श्री भारुराम निवासी तारातरा जिला बाड़मेर बताया । यहा आने का कारण पुछा तो भावुक होकर रोते हुए बताया कि मैं घरेलु छोटी मोटी परेशानियों से तंग होकर वर्ष 2014 में घर से निकल गया था तथा साधु वैश में बाबा बनकर अलग अलग जगह रहने लगा व गुजर बसर करने लगा।
करीब 2-3 माह पहले कपिल मुनि मंदिर व सरोवर घाट पर आकर रहने लगा। जिस पर श्री श्रवणराम हैडकानि ने व्यक्तिगत रुचि लेकर व तत्परता दिखाते हुए बाड़मेर के उक्त गाव व पुलिस थाना चौहटन जिला बाड़मेर से सम्पर्क साध कर भुराराम के परिजनों से बात की तो बताया कि भुराराम 06 वर्ष पुर्व घर से निकल गये थे।
इनके बेटे बेटियों की शादी होनी है। इम इनका इन्तजार कर रहे थे। परिजन काफी खुश हुए व तुरन्त भुराराम को लेने के लिये कोलायत को रवाना हुए जो देर रात्रि को थाना पहुंचे। तब तक भुराराम की श्री श्रवणराम हैडकानि द्वारा सार संभाल की गई । खाना खिलाया गया।
भुराराम को साधु देश के कपड़े बदलवाकर नये कपडे पहनाए गये । भुराराम ने पिछले 6 वर्षों बाल दाढी नहीं बनवाई थी जिस पर श्री श्रवणराम हैडकानि द्वारा अपने स्तर पर नाई से बाल दाढ़ी बनवाई । भुराराम ने बताया कि यह पढाई में भी अपनी कक्षा में हमेशा अव्वल रहा।
भूराराम बार बार भावुक होता रहा व श्री श्रवणराम हैडकानि को व पुलिस को दिल से धन्यवाद देता रहा । इसी दौरान देर रात्रि को भुराराम के परिजन थाना पहुंचे तो उनको देखकर दौड कर उनको गले लगा लिया व सभी फुट फुट कर रोने लगे। भुराराम को उनके परिजनों के सुपुर्द कर थाना पर मौजुद स्टाफ द्वारा भावुक पलो मे विदा किया गया।