जयपुर गांधीनगर में पुलिस और मुखबिरों की जुगल बंदी और प्रशाषन की सजगता से एक व्यक्ति जिसका नाम मनवीर बताया जा रहा है को गिरफ्तार किया.
सहायक उप निरीक्षक रामकिशोर और कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार और संजय कुमार की शाम को गस्त करतेवक्त मुखबिर ने सुचना दी कि रोयल्टी चोराहे के पास स्थित पान की थडी और झालाना डूंगरी के आजू बाजू से एक व्यक्ति की हरकते संदेहजनक प्रतीत हो रही है.
पुलिश गस्त की मुस्तैदी के चलते वह व्यक्ति हुलिए के अनुसार मिलान खाता हुआ दिखाई दिया जिससे पूछताछ करने पर उसने अपना नाम बताया और साथ ही कबूल भी किया कि उसने सट्टे की खाईवाली भी कि थी और उसके पास से मिली पर्चियों पर कुची नम्बरों से यह कन्फर्म भी हुआ था.
उक्त युवक झालना कच्ची बस्ती मालवीय नगर का निवासी बताया जा रहा है. जिसके पास सट्टे की खाईवाली का लाइसेंस भी नहीं था और उसने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास भी किया.
आर.पी.जी.ओ.अपराध धारा 13 के तहत उक्त आदमी को गिरफ्तार कर मुचलके पर छोड़ दिया और उसके पास से बरामद कुल 400/- रुपये और उसकी सट्टा पर्ची को माल खाने भिजवा कर बाकी कि कार्यवाही पुलिस द्वारा की गई है.
ऐसे मामलो को गेमब्लिंग एक्ट में परिभाषित किया हुआ है और ऐसे आरोप में पकडे गए व्यक्ति की आसानी से जमानत हो जाती है. ऐसे में ज्यादा कठोर कार्रवाई के प्रावधान नहीं वही जुर्म साबित हो जाने पर यह देखा जाता है कि पकड़ा जाने वाला शख्स को अधिकतम 3 वर्ष की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
जिसमे कोई व्यक्ति पहली बार जुआ खेलते पकड़ा जाये तो उसे 6 माह की जेल की सजा और इसके साथ 500 रु. तक का जुर्माना भरना पड़ता है. मगर वही दूसरी बार पकड़ा जाये तो सजा और जुर्माने की राशी बढ़ जाती है और तीसरी दफा पकडे जाने पर अधिकतम सजा मिलती है जो हमने ऊपर बताई है.