Home Business आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के सहारे अर्थव्यवस्था को बल देने का प्रयास

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के सहारे अर्थव्यवस्था को बल देने का प्रयास

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने योजना की डिटेल्स शेयर करते हुए की प्रेस कॉन्फ्रेंस

भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Smt Nirmala Sitharaman) ने कोविड संक्रमण काल के कारण आर्थिक तौर पर पिछड़ते भारतीय युवाओं हेतु रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आज दिनांक 12 नवम्बर 2020 को नई योजना की घोषणा की. योजना का नामकरण आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के रूप में किया गया है.

सीतारमण ने खरीदारों और बिल्डरों के लिए आयकर में लाभ का ऐलान साथ ही करके उन्हें भी आर्थिक सम्बल दिया. देश मे निर्यातकों को बढ़ावा देने के लिए 3 हजार करोड़ रुपये की मदद का आश्वासन दिया. हेल्थकेयर समेत अन्य कई संकटग्रस्त सेक्टरों 26 से भी लिस्टेड उद्योग ज्यादा कर्ज ले सके ऐसे प्रावधान के बारे में बताया।

छोटे उद्योगों को मूलधन पर एक साल के लिए कर्ज न चुकाने की छूट भी मिलेगी. सीतारमण ने कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है. जीएसटीसंग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से 10 और क्षेत्रों के लिये दो लाख करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दी है.आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की खासियत…

  1. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana) की शुरुआत एक अक्टूबर 2020 से मानी जाएगी. इसके तहत कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले लोगों की मदद की जाएगी. साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरने के मौजूदा दौर में नौकरी देने वाले संस्थानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
  2. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ईपीएफओ के तहत पंजीकृत किसी भी प्रतिष्ठान में नौकरी पाने वाले और 15,000 से कम मेहनताना वाले व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिलेगा
  3. कोविड काल में एक मार्च 2020 से 30 सितंबर के बीच नौकरी गंवाने वाले और एक अक्टूबर या उसके बाद नौकरी पाने वाले कर्मी इसके पात्र होंगे
  4. जिन प्रतिष्ठानों की कर्मचारी सीमा 50 से कम हैं, उन्हें कम से कम दो लोगों औऱ जिनकी सीमा 50 से ऊपर है, उन्हें न्यूनतम 5 लोगों को रोजगार देना होगा, तभी वे इस योजना के पात्र होंगे. इसके तहत ईपीएफओ के तहत पंजीकृत संस्थानों को सब्सिडी दी जाएगी. स्कीम 30 जून 2021 तक लागू रहेगी.
  5. आपात कर्ज गारंटी सुविधा स्कीम का विस्तार भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है. इससे लघु उद्योगों को बिना गारंटी औऱ किसी चीज को गिरवी रखे बिना कर्ज मिलेगा. इसके तहत अब तक 65 लाख लोगों को दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण बांटा जा चुका है. 50 करोड़ रुपये तक के कर्जदारों को अब बकाया ऋण पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज मिल सकेगा.
  6. हेल्थकेयर के साथ कामथ कमेटी द्वारा चिन्हित 26 क्षेत्रों को (ECLGS 2.0) योजना का लाभ मिलेगा. 29 फरवरी तक 50 से 500 करोड़ तक के कर्ज लेने वाले दायरे में होंगे. यह स्कीम 5 साल के लिए होगी. इसमें एक साल के लिए कर्ज के मूलधन के भुगतान पर मोरेटोरियम (कर्ज चुकाने से छूट की अवधि भी होगी.
  7. आत्मनिर्भर मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव के तहत 10 बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों को 1.46 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसमें इलेक्ट्रानिक, ऑटोमोबाइल से लेकर टेलीकॉम और फार्मास्यूटिकल सेक्टर तक शामिल हैं.
  8. मकानों की खरीद बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर और खरीदारों को अब आयकर छूट का ज्यादा लाभ मिलेगा. इससे दोनों पर कर का बोझ कम होगा. सरकार इसके लिए आयकर कानून में बदलाव करेगी
  9. पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत दस हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद. इसमें मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिये लोगों को रोजगार के साथ बुनियादी ढांचे का विकास होगा.
  10. मुश्किलों का सामना कर रहे निर्यातकों के लिए कर्ज गारंटी सुविधा का विस्तार होगा. इसमें एक्जिम बैंक को सरकार 10 हजार करोड़ रुपये देगी. भारतीय निर्यातकों से खरीदार करने वाले छोटे देशों को भी लाभ.
  11. प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत 1.52 लाख प्रतिष्ठानों को 8300 करोड़ रुपये का लाभ वितरित किया गया है. इससे 1.21 करोड़ लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिला है.
  12. किसान क्रेडिट कार्ड के 1.83 करोड़ आवेदन मिले, जिसमें से 1.57 करोड़ किसानों को ये कार्ड दिए जा चुके हैं और इसके जरिये 143262 करोड़ रुपये का ऋण बांटा जा चुका है.

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