Jio 5G Trials शुरू जबकि लोग 4G देखने को तरस रहे हैं

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Jio 5G Trials में 1 जीबीपीएस से अधिक की इन्टरनेट speed का दावा कर जियो ने दिखाया दम तो लोगो ने दिखाई असलियत

Jio 5G Trials शुरू होने के साथ ही रिलायंस jio कम्युनिकेशन को लोगो के गुस्से का सामना करना पड़ गया. आज दिनांक 20 अक्टूबर को क्वालकॉम टेक्नोलॉजी और रिलायंस जियो ने अपने साझे बयान में एक फोटो जारी कि जिसमे क्वालकॉम अमेरिका से सेन डिएगो और भारत जियो मुंबई से अपने संयुक्त प्रयासों से 5G नेटवर्क का बुनियादी ढांचा सुधारने पर जोर दे रही है.

5G सेवाओं के विकास को तेजी से ट्रैक करने और रोल आउट करने में इन कंपनियों का यह ट्रायल काफी महत्वपूर्ण है वही एक और न्यूज़ इन दिनों काफी सुर्खियों में है जिसमे एयरटेल Airtel one webdeal शामिल है और वही एयरटेल ने तेज इन्टरनेट के मामले में jio को पछाड़ कर अपनी गिरती ग्राहकों को संभालने का प्रयास किया है.

Jio 5G Trials में बुनियादी रूकावटे

कहने को तो जियो जो कि वर्तमान में 4G और VOLTEE सपोर्ट के साथ चल रही है और यह कंपनी आसानी से अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर 5G में और यहाँ तक कि 6G में भी अपग्रेड होने का दावा कर रही है. मगर वही अपनी लचर सपोर्ट के चलते इस कम्पनी का भविष्य क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता.

बहरहाल कम्पनी मौखिक पब्लिसिटी और शुरुआत में अपने फ्री डाटा देने के चलते इस कॉम्पिटिशन के युग में भी दूसरी कंपनियों को पछाड़ने में कामयाब रही. वही इसका असली इरादा सारी कंपनियों को मार्किट से बाहर क्र एकछत्र राज करने का था.

मगर यहाँ बाकि कंपनियों ने हथियार डाल दिए वही एयरटेल अपने D2H और दुसरे इन्टरनेट सुविधाओं कि बदौलत आसानी से झुकी नहीं. वही वोडाफोन और आइडिया ने जोइन्ट वेंचर करके इसका तोड़ निकाल लिया. यहाँ आकर जियो चाह कर भी अपनी रेट नहीं बढ़ा सकी.

वर्तमान में भारत में इन्टरनेट की स्थिति

भारत में जहा आये दिन इन्टरनेट कंपनियों की शिकायते आती रहती है वही जियो के आगमन के बाद यह क्षेत्र क्वालिटी सर्विस के लिए जाना नहीं जाता. अब खाली तेज speed का दावा कर कस्टमर से रिचार्ज करवा लेना ही आम बात हो चुकी है. कंपनिया जहा एक तरफ अपने विज्ञापनों पर जोर दे रही है वही आम आदमी आज भी तेज इन्टरनेट की आस में रिचार्ज पे रिचार्ज करवा रहा है.

जियो कंपनी की मनमानी

जियो कंपनी की शिकायतों पर गौर करे तो इस कम्पनी ने ग्राहकों की शिकायतों की तरफ ध्यान देना बिलकुल बंद कर दिया है जिसका सबसे ताज़ा उदाहरण इनके अप्लेट ऑथोरिटी के मोबाइल नंबर 18008893999 से ग्राहकों के कॉल्स को मोबिलिटी सेंटर की तरफ डाइवर्ट करना शुरू कर दिया है.

जहा ग्राहक जियो फाइबर के कस्टमर केयर number 18008969999 पर कॉल करे तो बिना किसी निदान के ही ग्राहकों की शिकायत को एक sms भेज कर सोल्व कर दिया जाना बताया जाता है. इसके चलते कंपनी के ट्विटर पे अपने सपोर्ट वाले हैंडल से ऐसी ग्राहकों को रिप्लाई नहीं किया जाता जो उन पर भड़के हुए होते हैं.

एयरटेल और VI आईडिया और वोडाफोन की भूमिका

ऐसा खाली जियो के साथ ही नहीं है, कंपनी चाहे जियो हो या एयरटेल या वोडाफोन और आईडिया वाली नयी VI मोबाइल सभी कम्पनी अपने ग्राहकों की बजाय दूसरी कम्पनी के ग्राहकों की तरफ नजरे गडाए रहती है.

जहा तक इन कंपनी को कंट्रोल करने की बात है तो आप TRAI india की वेबसाइट और उनके contact numbers पर बात करके उनका लेवल देख सकते हैं. जो विभाग अपनी वेबसाइट में ईमेल ढंग से नहीं डाल सकता वो इन कम्पनियों की मनमानी को कैसे रोक सकेगा ?

ऐसे में भारत का इन्टरनेट के लिहाज से भविष्य कतई उज्जवल नहीं दिखता.

बीएसएनएल का भविष्य क्या होगा ?

जितनी छूट भारत में रिलायंस ग्रुप को मिली है उतनी छूट यदि बीएसएनएल को मिली होती तो शायद इस सरकार की कार्यशैली पर विपक्ष को कटाक्ष करने के मौके कम मिलते. जहाँ एक तरफ सीधे विभागों से ही परमिशन लेकर jio कंपनी के टावर बीच सडको पर कम कीमत में लगवाए गए हैं वह सहूलियत की असल हक़दार बीएसएनएल के अलावा और कोई कम्पनी शायद ही होगी.

यहाँ बीएसएनएल के अधिकारियो का सुस्त रवैया कहिये या जियो की किस्मत सरकार के पास बीएसएनएल को बंद नहीं करने का और कोई विकल्प दिखाई नहीं देता.

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