अभी अभी आई खबर के अनुसार प्रधानमंत्री आज शाम छः बजे भारत वर्ष के नाम एक सन्देश प्रकट कर अपनी बात को जनता के सामने रखेंगे. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आगे आने वाले समय में बिहार चुनाव और चीन जैसे गंभीर मुद्दों पर वह अपनी राय जनता के सामने रख सकते हैं.
अमूमन मोदी जी का संबोधन राष्ट्रवासियो के लिए काफी बार गहरा प्रभाव डालने वाला होता है. ऐसे ही संबोधनों में उन्होंने कभी थाली बजवाई और कभी घर की छतों से दिए जलवा कर छोटी छोटी बातों में गहरे सन्देश देकर जनमानस में अपनी छवि और मजबूत कर दी.
Narendra Modi के ट्विटर हैंडल से 1:02 PM · Oct 20, 2020 को एक ट्वीट प्रेषित किया गया जिसमे उन्होंने घोषणा की कि वे राष्ट्र के नाम सन्देश देंगे और सारे प्रमुख चेनल और दूरदर्शन पर उनका यह सन्देश आधिकारिक रूप से प्रसारित किया जायेगा. जिसे आप अपने मोबाइल स्क्रीन पर भी youtube या अन्य online टीवी या ott एप्स के माध्यम से देख पाएंगे.
राष्ट्र के नाम संबोधन के संभावित मुद्दे
वही इनके विरोधियो का मानना है कि कोरोना प्रोटोकॉल्स के चलते वो बिहार चुनावोके मद्देनजर एक तीर से कई शिकार करने के मूड मे दिखाई दे सकते हैं. क्यों कि हाल की परिस्थितियों में किसान के मुद्दे, पडोसी देश चीन के साथ टकराव और सेना का बजट घटाने पर वह कई बार सवालों के घेरे में देखे गए हैं.
वही अपनी मजबूत छवि और कोरोना के प्रबंधन में lockdown जैसे कठिन फैंसले का पहला सकारात्मक डाटा हम कोरोना के घटते आंकड़ो के रूप में देख सकते हैं. फिलहाल आने वाले त्योहारों पर जनता को पाबंद नहीं भी करे तो सचेत करने की हिदायत जरुर सुनने को मिल सकती है.
बिहार चुनाव में जनता को लुभाने हेतु कुछ पैकेज देने का फैसला भी ले सकते हैं. जैसा कि पूर्व में भी देखा गया था. फिलहाल बिहार के चुनावो में मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार के साथ संभावित टकराव को टालने का दबाव भाजपा पर साफ़ देखा जा रहा है जब एक एक कर उनके साथी गठबंधन से बाहर निकल रहे हैं.
मीडिया पर नकेल कसेंगे ?
इस बात की संभावना काफी कम है. क्योकि अभी भी भारतीय मीडिया स्वतंत्र है और सरकार की खिंचाई करने वाले चेनल्स अभी भी मौजूद है. हालाँकि TRP पर मीडिया ट्रायल्स पर चल रहे विबाद पर गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कल एक बयान देकर इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दी.
महिला सुरक्षा पर प्रधानमंत्री का बयान
ऐसे मुद्दों पर चुप्पी के चलते मोदी अपने विरोधियो के निशाने पर रहते हैं. और आज भी इस मुद्दे पर उनकी तरफ से बयान दिलवाने की विपक्ष की भरपूर कोशिश रहेगी कि वो खुल कर hathras जैसे घटनाओं पर बोले. ऐसा करने के लिए रणदीप सुरजेवाला जैसे नेता उकसावे हेतु अपने बयान इस संबोधन से पूर्व दे सकते हैं.
अन्यथा सदेव कि भांति इनके इस संबोधन के पश्चात आप सुरजेवाला और कोंग्रेस के तमाम नेताओ के बयानों में उनके संबोधन में छुटे हुए मुद्दों पर राजनीती तेज करने का प्रयास देख पाएंगे.
कोरोना पर प्रधानमंत्री की हिदायत
हालाँकि अभी कोरोना पर विजय पाने जैसे बयान से बचेंगे फिर भी इस पर कुशल प्रबंधन का दावा कर हेल्थ्वर्कर्स की होंसला अफजाई करते देखा जा सकता है. और साथ ही आने वाले दिनों में कोरोना से और ज्यादा बचाव की सलाह देने की बात कही जा सकती है.
कोरोना वैक्सीन पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान
निकट भविष्य में कोरोना की वैक्सीन आने की सम्भावना से ना तो इनकार किया जा सकता है और ना ही इसे नकारा जा सकता है वरन कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए मूलभूत ढांचे भारत में होने से इसके लिए विश्व में भारत कि उपयोगी भूमिका की बात कही जा सकती है.
वैसे लोगो में इस बात की भी होड़ लगी होती है कि उन्होंने अपने संबोधन में कितनी बार हाथ जोड़े और कितनी बार पाकिस्तान या चीन का नाम लिया मगर वैसे बचकानी बातो का कोई औचित्य नहीं है. वही यूपी में क्या किया और बिहार में क्या किये हो जैसे सवालों से उनको दो चार होना पड़ेगा.