देश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और जनता की प्रतिक्रियाओं पर बढ़ते दबाव के बीच विशिष्ठ न्यायालय अनूसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण अलवर द्वारा थानागाजी निर्णायक फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सजा सुना कर एक आदर्श न्यायपालिका की भूमिका अदा की.
दरअसल 26 अप्रेल, 2019 को हुए एक जघन्य गैंगरेप प्रकरण में 4 अपराधियों जिसमे छोटे लाल, हंसराज, अशोक कुमार एवं इन्द्राज शामिल थे उन सभी का दोष साबित होने पर उन्हें आजीवन कठोर कारावास के साथ एक-एक लाख रुपये के आर्थिक दण्ड से दण्डित किया गया है। यह फैसला काफी त्वरित गति से आया है.
इन अपराधियों की घटना से जुड़े फोटोग्राफ्स व वीडियो वायरल करने वाले मुकेश को भी पांच साल का कठोर कारावास और पचास हजार रुपये के आर्थिक दण्ड से दण्डित करके विशिष्ठ न्यायालय अनूसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण ने एक मिसाल कायम की है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर फ़िलहाल ऐसे सभी मुक़दमे तेजी से निपटाए जा रहे हैं और आगे भी ऐसे अपराध कम हो इसके लिए निर्देश लगातार प्रसारित किये जा रहे हैं. उक्त प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लेकर इस पर त्वरित अनुसंधान किया गया तत्काल प्रभाव से प्रभावी साक्ष्य जुटाए गए।
राजस्थान सरकार द्वारा फिलहाल दो प्रकार की यूनिट बनाई गई है जिसमे महिला अपराध अनुसंधान सैल के साथ साथ सीआईडी (सीबी) के तहत हीनियस क्राइम मानिटरिंग यूनिट बनाकर महिलाओं पर अत्याचार व अपराध को रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं.
राज्य के प्रत्येक जिले में पुलिस उप अधीक्षक स्तर का एक अतिरिक्त अधिकारी लगाया गया है जो कि महिला अपराध अनुसंधान सैल की अगुवाई करेगा और साथ ही महिलाओं और बच्चो पर जघन्य अपराधों की प्रभावी मॉंनिटरिंग करने का निर्णय किया गया।
पुलिस विभाग द्वारा अलवर जिले को पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया और कानून-व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील होने के कारण यहाँ जिला पुलिस में को दो भागो में विभाजित किया वही थानागाजी में वृत सर्किल की स्थापना भी कर डाली।
राज्य की राजस्थान सरकार में जहा पहले वर्ष 2018 तक दुष्कर्म के प्रकरणाें में अनुसंधान का औसतन 78 दिन होता था वह अब पुलिस की सक्रियता के चलते महज 113 दिन रह गया है। प्रशासन का प्रयास इसे और घटाने का है.
जैसा की केंद्र की भाजपा सरकार जो कि उत्तर प्रदेश में भी सत्ता में हैं उसके खिलाफ कांग्रेस का हमला अब और तेज होने कि उम्मीद जताई जा रही है. फिलहाल राजस्थान सरकार पर भी लोगो की तीखी नजरे हैं जहा महिलाओं पर अत्याचार का सूचकांक भी देश में सब से ज्यादा पाया गया है.