पुलिस द्वारा हाथरस में दलित बच्ची का रात को उसका शवदाह

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पुलिस और प्रशाषन पर मामले को ढकने का आरोप मीडिया और विपक्ष का सरकार पर करारा प्रहार

hathras dalit murder case

हाथरस में हुए दलित लड़की के घ्रणित मर्डर केस में बड़ी जानकारी सामने आ रही है और प्रशाषन द्वारा मीडिया और घरवालो को पाबंद कर देर रात को लड़की का दाह संस्कार कर दिया गया. अब इन सबसे जुड़े विडियो भी सोशल मीडिया में आ चुके हैं.

आज सुबह 5 घंटे पहले तनुश्री पाण्डेय द्वारा किये गए एक ट्वीट के विडियो में पुलिस ने बच्ची की मृत्यु के बाद देर रात उसका शव को जला कर उसका शवदाह कर दिया. कल सुबह दम तोड़ने वाली दलित लड़की के घर वालो को भी बेरिकेडिंग लगा कर उसके साथ मीडिया और गाँव वालो को रोक दिया गया.

मामला अब काफी हाई प्रोफाइल हो चूका है और देश भर का मीडिया इसे बहुत तवज्जो दे रहा है. दलिक बच्ची के साथ जो घटनाक्रम हुआ उस पर यूपी पुलिस प्रशासन पर मामले को ढकने के आरोप लग रहे हैं.

बच्ची के घर वालो की मांग थी कि उसे एक दफा अपने घर पर ले जा कर वो अपनी रस्मो को अदा करने डे मगर पुलिस और प्रशासन द्वारका उनकी यह मांग नहीं मानी गयी और उसके बाद गाँव वाले भी एम्बुलेंस के आगे रास्ता रोक कर खड़े हो गए.

पुलिस द्वारा बच्ची के शव का दाह संस्कार रात को ही कर दिया जाना भी तर्क संगत बताया जा रहा था. कुल मिला कर यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं. और मामले को दबाने के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं. हाल ही विकास दुबे गेंगस्टर के फर्जी इनकाउंटर के मामले में पुलिस द्वारा अनियमितता बरतने के आरोप लगे थे.

मनीषा वाल्मीकि नाम कि लड़की के रेप और घ्रणित मर्डर केस में अभियुक्त लवकुश, राम कुमार और रवि पहले ही पुलिस की हिरासत में ले लिए गये हैं. बालिका के परिजनों को 4,12,500 रुपये की आर्थिक सहायता राशी दी जा चुकी है और अभी 5,87,500 रुपये और दिए जाने की बात कही जा रही है.

बालिका के परिजनों को कुल मिलकर 10 लाख रुपये दिए जायेंगे. इन्समे बाकि की राशी में अपराध साबित होने के बाद दिए जाने की बात कही जा रही है. वही मामले को शुरू से देखे तो 14 सितम्बर को पुलिस में दर्ज लिखित तहरीर के अनुसार संदीप ने प्रियंका वाल्मीकि का गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की.

परिजनों की सहमति से लड़की को नई दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज करवाया गया और कल सुबह मृत्यु हो गई. अब इस पुरे मामले में राजनीति भी गरमा गई है और प्रशाशन जैसे तैसे करके इसे समेटने में लगा हुआ है. मीडिया वालो को इस मामले के कवर करने पर धमकिया मिली थी जिसमे रोहिणी सिंह भी शामिल है.

काफी दिनों तक यूपी के आला अधिकारी मीडिया में चल रही न्यूज़ को फेक न्यूज़ बताकर मामले पर पर्दा डालने के भरसक प्रयास किये गए. अब प्रशाषन इस मामले की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करवा कर दोषियों को शीघ्र सजा देने की बात कह रहा है.

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