नए कृषि अध्यादेशों पर राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर
विपक्ष के लगातार हमलावर होने के साठ ही भाजपा ने इस विधेयक को लोकसभा और राज्य सभा से पास करवाने के बाद इसे नियमानुसार राष्ट्रपति के पास भेजा जिस पर भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज दिनांक 27 सितम्बर 2020 अपने हस्ताक्षर कर इसे आखिरी और अति आवश्यक मंजूरी दे दी.
भाजपा जहा कोंग्रेस के चुनावी मेनिफेस्टो को दिखा कर उसे किसानो को ना भड़काने की सलाह दे रही है वही कांग्रेस भी अपने माहोल को अपने पक्ष में करने के लिए शुषमा स्वराज और अरुण जेटली के पुराने भाषण दिखाकर केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर उनके पुराने स्टैंड को लेकर हमलावर है.
शिरोमणि अकाली दल ने जैसे ही भाजपा के नेतृत्व वाले NDA छोड़ने का निर्णय किया तभी से तमाम विपक्षी दलों से उन्होंने आशा के अनुरूप सपोर्ट मिलता भी दिखाई दिया. वही भाजपा के नेता अपने इस विधेयक के फायदे गिनाते हुए जनता के बीच लगातार ट्वीट करते देखे जा रहे हैं.
केंद्र सरकार ने छः फसलों के MSP को लेकर अपडेट देकर इसे थोडा माहोल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी वही हरयाणा और पंजाब के किसान के मुखियाओ से निरंतर संवादहीनता को लेकर जनता में एक धडा उनके खिलाफ जाता दिखाई दे रहा है.
शिरोमणि अकाली दल के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से किये RT ट्वीट के जरिये यह कहा गया कि पंजाब की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए अटल बिहारी वाजपेयी जी और बादल साब ने एनडीए का गठन किया था। वर्तमान भाजपा सरकार वाला नेतृत्व NDA की उस गाढ़ी कमाई की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बन चुकी है.
केंद्र जितना पंजाबियों पर अत्याचार करने की कोशिश करेगा, हम उतने ही दृढ़ निश्चयी बनेंगे। हम नए फार्मबिल्स का विरोध करने के लिए कृतसंकल्प हैं जो अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिरता के लिए विनाशकारी हो सकता है