मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके खबर की पुष्टि करते हुए 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी है। रीट परीक्षा होने के बाद राज्य में भारी मात्रा में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। आज दिनांक 14 अक्टूबर को आई इस खबर से बेरोजगार शिक्षको की उम्मीदों को बल मिला है जो काफी लम्बे समय से इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे.
इस घोषणा में बताये गए 31000 पदों पर होने वाली भर्ती से अशोक गहलोत की कोंग्रेस शाशन वाली राज्य सरकार पर आने वाले 2 वर्ष तक परीवीक्षा काल में 881.61 करोड़ का खर्चा उठाना पड़ेगा. जबकि इन शिक्षको की तैनाती के साथ ही प्रतिवर्ष राज सरकार पर 1717.40 करोड़ रूपये तक का वित्तीय भार पड़ेगा।
वही राज्य सरकार पर केवल B.eD कोलेजे खोल खोल कर छात्रों को केवल एक कोर्स ऐड करने का आरोप भी लगता रहा है और भर्तियो से जुडी अनिश्चितताओं के चलते युवाओं के भविष्य से खेलने पर भी सरकार की छवि को खासा नुक्सान उठाना पड़ रहा है.
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। विभाग द्वारा आयोजित रीट परीक्षा होने के बाद इन शिक्षकों की भर्ती का रास्ता खुलेगा वही अभी 10,000 और भर्तियो के ऐलान कि सम्भावना है जिसकी घोषणा जल्दी की जाएगी।
यहां गौरतलब है है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020-21 के बजट भाषण में कुल 53 हजार पदों की भर्ती की घोषणा की थी। जिसमे से यह भर्ती घोषित हो चुकी है। पर अभी कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती का भी बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
Rajasthan राज्य में यह ऐलान बड़े इंतजार के बाद हुआ है। इस बहुप्रतीक्षित भर्ती के लिए राज्य के युवा दल और छात्र नेता काफी समय से संघर्षरत थे। काफ़ी ना नुकर और फ़ाइल चलाने के बाद प्रदेश में यह खबर छात्रों से शिक्षक बनने की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए काफी अहम है।
वही सरकार पर भी दबाव है कि केवल भर्ती का विज्ञापन या विज्ञप्ति मात्र से बेरोजगारी कम करने का असफ़ल प्रयास करती नजर ना आये। वैसे भी राज्य में बढ़ते अपराधों और कोरोना संक्रमण में अकुशल प्रबंधों के चलते सरकार विपक्ष और मीडिया के निशाने पर है।